दागते हो तोप दुनिया पर किसी की आड़ में, युद्ध पर जज्बात की परछाइयों से दूर भी एक दुनि दागते हो तोप दुनिया पर किसी की आड़ में, युद्ध पर जज्बात की परछाइयों से दूर भी...
यादों का विसर्जन..... यादों का विसर्जन.....
अपने लिए भी जीना शुरू कर अपने लिए भी जीना शुरू कर। अपने लिए भी जीना शुरू कर अपने लिए भी जीना शुरू कर।
आँखों से हँसना सीख लिया हमने जीना सीख लिया। आँखों से हँसना सीख लिया हमने जीना सीख लिया।
दुनिया को मिले जहाँ स्वार्थ वो तो बस वही होगा। दुनिया को मिले जहाँ स्वार्थ वो तो बस वही होगा।
'ये दौर' ऐसी कविता है जो हमे अपने अंदर झाँकने पर मजबूर करती है 'ये दौर' ऐसी कविता है जो हमे अपने अंदर झाँकने पर मजबूर करती है